All India Radio Ki Sthapna Kab Hui – आल इंडिया रेडियो की स्थापना कब हुई

All India Radio Ki Sthapna Kab Hui : आज ऐसा शायद ही कोई ऐसा होगा जो रेडियो ब्राडकास्टिंग के बारे में न जानता हो वैसे तो हमारे देश भारत में तकनीकी उपलब्धि और देश को मुकाबले थोड़ी धीरे-धीरे होती है

पर रेडियो की स्थापना के मामले में हमारा देश आगे है, जब दुनिया का पहला रेडियो बना उसके बाद कुछ ही कुछ सालों में रेडियो का कांसेप्ट इंडिया में भी आ गया

आज वैसे तो रेडियो के बहुत से चैनल है पर आकाशवाणी का नाम तो सुना ही होगा यह सबसे प्राचीन और सरकार के द्वारा संभाला जाने वाला चैनल है 19 वी सदी में ही रेडियो इंडिया में आ गया था और 19 वी सदी में ही All India Radio Ki Sthapna भी हुई थी 

यह इतना महत्वपूर्ण इसलिए है क्योंकि All India Radio ही पहला रेडियो सिस्टम है

जो भारत के हर कोने-कोने तक पहुंचा, आज हम लोगों के पास फ़ोन भी 20 वी सदी में आये है

वरना पहले बहुत कम लोगों के पास या सिर्फ मुख्य-मुख्य लोगों के पास ही फ़ोन रहते थे वो भी आकार में बड़े तो सोचिये उस समय रेडियो कितना अनोखा साबित हुआ होगा हम लोगों के लिए यह किसी चमत्कार से कम नही था की हमें कही और की खबर घर बैठे मिल रही है

पहले रेडियो की सुविधा को एक प्राइवेट कंपनी ने देना शुरू किया पर चल न पाने के कारण और ज्यादा पैसा लगने के कारण इसको बंद होना पड़ा

फिर उसके बाद सरकार ने रेडियो की सुविधा को चलाने का प्रयास किया पर ज्यादा फायदा न होने के कारण सरकार को भी इसे बंद करना पड़ा

पर लोगों की ज्यादा डिमांड होने के कारण और बढती तकनीक के कारण रेडियो की सुविधा देना सरकार के लिए आसान होने लगा इसलिए रेडियो को फिरसे शुरू किया गया

हर बार जब भी इसे शुरू किया गया तो बहुत सारे तकनीकी तरक्की के बाद ही किया गया तकनीकी विकास के कारण आज हमारे पास रेडियो, फ़ोन, टीवी आदि की सुविधा उपलब्ध है

हम आज इस आर्टिकल में “All India Radio Ki Sthapna Kab Hui” में आपको भारत में रेडियो की स्थापना का पूरा इतिहास पड़ावों में आपके सामने प्रस्तुत करेंगे आइये जानते है

 

All India Radio Ki Sthapna Kab Hui
All India Radio Ki Sthapna Kab Hui

 

All India Radio Ki Sthapna Kab Hui

रेडियो के द्वारा पिछले समय में लोग अपने देश के बारे में जान सकते थे मौसम और किसान खेती से जुडी जानकारी भी रेडियो के ज़रिये प्राप्त करते थे यह किसी आशीर्वाद से कम नही था

रेडियो का प्रसारण सबसे पहले भारत में टाइम्स ऑफ़ इंडिया द्वारा अगस्त 1921 में पोस्ट और टेलीग्राम डिपार्टमेंट के सहयोग से किया गया था यह पहली बार था जब एक प्राइवेट कंपनी ने रेडियो के प्रसारण का प्रयास किया था इनकी पहली शुरुआत के कारण ही रेडियो भारत में ज़ल्दी आ गया था

1921 से ही भारत में रेडियो ब्राडकास्टिंग का काम शुरू कर दिया गया था जिसे पहले एक प्राइवेट कंपनी ने चलाया फिर सरकार ने चलाया

और समय समय पे इसका अलग अलग नाम था अंत में इसको आल इंडिया रेडियो दिया गया और इसे ही आकाशवाणी ही बोला जाता है इसके अलग अलग नाम और डिवीज़न भी है जैसे प्रसार भारती और दूरदर्शन

 

आल इंडिया रेडियो की स्थापना कब हुई

यह सबसे पहले  टाइम्स ऑफ़ इंडिया  ने शुरू किया और भी जगह-जगह के लोगों ने रेडियो का प्रसार करना चाहा और बहुत कंपनियों ने प्रसार किया भी पर पैसो की कमी के कारण बहुत कम लोग ही आगे बढ़ पाए और एक समय के बाद तो इसका खर्चा किसी के बस में रहा नही गया

पब्लिक डिमांड पर सरकार को आगे आना पड़ा और सभी भारत की ब्राडकास्टिंग कंपनियों के गठित कंपनी इंडिया ब्राडकास्टिंग को सरकारी कंपनी बनानी पडी

इसी को आगे चलके आल इंडिया रेडियो कंपनी का नाम दिया गया और आकाशवाणी और विविध भारती इसी के अन्दर आते है

आकाशवाणी का मुख्य भवन दिल्ली में है, आल इंडिया रेडियो के बहुत से चैनल है बहुत सी भाषावों में बहुत से चैनल के माध्यम से रेडियो ब्रॉडकास्ट किया जाता है

पहले तो इसमें एक या दो चैनल ही होते थे पर समय के साथ-साथ इसका विकास और चैनल का नंबर भी बढ़ता गया

 

All India Radio ka itihaas (आल इंडिया रेडियो का इतिहास )

टाइम्स ऑफ इंडिया के इतिहास के हिसाब से सबसे पहले टाइम्स ऑफ इंडिया ने रेडियो प्रसारण अपनी छत से किया था उस समय उनके पास या करने की अनुमति नहीं थी रेडियो प्रसारण की अनुमति फरवरी 1922 में मिली थी टाइम्स ऑफ इंडिया ने अपना पहला प्रसारण 1921 अगस्त के महीने में ही किया था

कोलकाता, मुंबई, मद्रास और लाहौर यह चार शहर है जहाँ से टाइम्स ऑफ इंडिया ने अपना प्रसारण पूरे भारत में किया था
इन क्लबों ने पहले बहुत बार रेडियो प्रसारण के प्रयास किए थे इनके बाद ही इन्होंने अपने अपने शहर में venture खोले थे

 

भारत का पहला रेडियो कार्यक्रम कब प्रदर्शित हुआ 

  • 1923 में भारत का पहला कार्यक्रम प्रदर्शित हुआ था

भारत में रेडियो ब्रॉडकास्टिंग की संपूर्ण स्थापना बहुत सारे चरणों को पार करने के बाद हुई थी

 

रेडियो ब्राडकास्टिंग का पहला चरण

  • पहला चरण 1921 से लेकर 1927 तक था अर्थात 1921 से लेकर 1927 तक रेडियो कार्यक्रम को चालू किया गया और 1927 के बाद आपदाओं के कारण इसको बंद कर दिया गया था, पहला प्रसारण मुंबई में अगस्त 1921 को हुआ था यह प्रसारण टाइम्स ऑफ इंडिया द्वारा किया गया था और यह प्रसारण मुंबई, कोलकाता, मद्रास और लाहौर से किया गया था
  • मद्रास रेडियो क्लब ने 31 जुलाई 1924 को एक और प्रसारण किया इन्होंने एक 40 वाट ट्रांसमीटर के साथ प्रसारण किया था समय के साथ-साथ इन्होंने अपने ट्रांसमीटर का वाट बढाया और आगे चलकर में 200 वाट के ट्रांसमीटर का भी उपयोग किया
  • पहला चरण कुछ वित्तीय कठिनाइयों के कारण बंद हुआ था क्योंकि उस समय में एडवर्टाइजमेंट या लोग एक दूसरे की कंपनी पर पैसा नहीं लगाते थे इसीलिए एक प्राइवेट कंपनी के लिए खुद रेडियो ब्रॉडकास्टिंग का पूरा खर्चा उठाना बहुत मुश्किल हो गया था जिसके कारण इसको बंद करना पड़ा All India Radio Ki Sthapna Kab Hui यह सवाल इस चीज़ से शुरू होता है की भारत में रेडियो की स्थापना कब हुई

 

रेडियो ब्राडकास्टिंग का दूसरा चरण

  • दूसरा चरण 1927 से लेकर 1931 के बीच में है इसके बंद होने का कारण भी वित्तीय कठिनाई यही है
  • वित्तीय कठिनाइयों के कारण सभी रेडियो ब्रॉडकास्टिंग की कंपनियों ने एक साथ और के काम करने का निर्णय लिया जिसके कारण हमारे दूसरा चरण शुरू हुआ
  • इंडियन ब्रॉडकास्टिंग कंपनी लिमिटेड शॉर्ट फॉर्म में आईबीसी कहते हैं यह कंपनी है जो भारत की सभी ब्राडकास्टिंग कंपनियों का गठन करके बनाया गया था और यह 1927 में शुरू हुई
  • इस कंपनी और भारत सरकार के बीच में समझौते के बाद रेडियो प्रसारण आरंभ हुआ था 1927 में भी रेडियो क्लब की स्थापना हो चुकी थी
  • पहला रेडियो कार्यक्रम जिसका नाम इंडिया रेडियो टाइम था उसकी स्थापना हुई इसके नाम को बदलकर इंडिया लिस्तेनेर कर दिया गया था
  • इडिया ब्रॉडकास्टिंग कंपनी लिमिटेड में भारत के सब कंपनी साथ में मिलकर काम तो कर रहे थे पर इसके बाद भी वित्तीय कठिनाइयां आ रही थी क्योंकि उस समय रेडियो पर बहुत ज्यादा पैसे का खर्चा लगता था, रेडियो का तकनीकी विकास उतना नहीं हुआ था जितना आज के समय में हुआ है जिसके कारण इस कंपनी को सरकार से लोन लेना पड़ा और वह लोन में डूब गयी
  • घाटे में जाने की वजह से यह कंपनी 1930 को बंद हो गई

 

रेडियो ब्राडकास्टिंग का तीसरा चरण

  • सरकार ने पब्लिक डिमांड के कारण मुंबई और कोलकाता क्लबों को अपने अधिकार मे ले लिया जिसके बाद उन्होंने रेडियो ब्रॉडकास्टिंग प्रोग्राम शुरू किया और उन्होंने इंडियन ब्राडकास्टिंग कंपनी का नाम बदलकर इंडियन ब्रॉडकास्टिंग सर्विस रख दिया जो कि एक सरकारी कंपनी थी और जिसने अब रेडियो ब्रॉडकास्टिंग की जिम्मेदारी ले ली थी
  • सरकार भी इससे खर्चे नहीं झेल पा रही थी इसलिए सरकार को भी मजबूरी में इसे बंद करना पड़ा और 1930 के आखिरी महीने तक यह कंपनी जो अब सरकार की हो गई थी वह भी बंद हो गई
  • पर पब्लिक का इतना दबाव था कि सरकार को मजबूरी में आकर 1931 में अपने बंद करने के आदेश को वापस लेना पड़ा और वापस से रेडियो ब्रॉडकास्टिंग की सेवा शुरू करनी पड़ी
  • सरकार की कुछ योजनाएं और आयात निर्यात को लेकर और सरकार ने रेडियो पर दर को दुगना कर दिया जिसके कारण सरकार को रेडियो ब्रॉडकास्टिंग से फायदा होने लगा और तकनीकी उपलब्धियां भी एक कारण थी जिसके कारण सरकार रेडियो ब्रॉडकास्टिंग से पैसा कमाने लगी
  • सरकार ने दिल्ली में रेडियो ब्रॉडकास्टिंग स्टेशन का निर्माण करने का सोचा और तो सरकार ने हर राज्य में अपना एक रेडियो ब्राडकास्टिंग सेंटर का निर्माण करने का आदेश दिया
  • लियोन एनफील्ड को आमंत्रित किया गया यह पहले इंसान थे जिन्होंने भारत में प्रसारण को नियंत्रित किया उन्होंने सरकार को यकीन दिलाया और सरकार को बताया कि प्रसारण से क्या-क्या हो सकता है
  • इन्होंने ही रेडियो ब्रॉडकास्टिंग कंपनी का नाम बदलकर ऑल इंडिया रेडियो रखने का प्रस्ताव बार-बार दिया
    यह सब तीसरे चरण में हुआ

 

रेडियो ब्राडकास्टिंग का चौथा चरण

  • इसके बाद रेडियो ब्रॉडकास्टिंग का चौथा चरण शुरू हुआ यह 1936 से लेकर 1947 तक था
  • 1936 में भारत में सरकारी इंपिरियल रेडियो की शुरुआत हुई जिससे आजादी के बाद ऑल इंडिया रेडियो के नाम से संबोधित किया जाता है जिसे हम आकाशवाणी के नाम से भी जानते हैं
  • इसके बाद all india radio के तहत भारत में जगह जगह स्टेशन बनाये जाने लगे और समय के साथ तकनीकी विकास भी होने लगा

 

आकाशवाणी क्या है

आकाशवाणी आल इंडिया रेडियो का नया नाम है यह भारत के सूचना और प्रसारण मंत्रालय द्वारा संभाला जाता है यह भारत में जानकारी को जनता तक पहुँचाने के लिए हुआ था आजके समय में आकाशवाणी जानकारी के साथ साथ मनिरंजन का भी साधन है

 

Akashwani ki sthapana kab hui

  • AKASHWANI
  • 1 April 1930

 

आकाशवाणी का इतिहास 

यह भारत में रेडियो ट्रांसमिशन में ट्रांसमीटर के इस्तेमाल से शुरू हुआ यह आल इंड़िया की ही बात है पर अब इसे आकाशवाणी के नाम से जानते है

और हमने जो आल इंडिया रेडियो का इतिहास बताया है वही इसका भी इतिहास है इसके साथ हमें यह भी क्लियर हो जाना चहिये की  All India Radio Ki Sthapna Kab Hui क्योंकि आल इंडिया रेडियो ही आकाशवाणी है

आकाशवाणी का लोकप्रीय बनना 

आकाशवाणी बहुत ही ज्यादा लोकप्रिय है क्योंकि पहले तो लोग इस्पे भरोसा करते है क्योंकि इस्पे सही जानकारी दी जाति है और समय के साथ यह लोगों के मनोरंजन का भी केंद्र हो गया है

आज भी जब हम, गाडी चलाते है तो काफी ज्तादा लोग रेडियो का इस्तेमाल करते है और जहाँ रेडियो का इस्तेमाल है वहाँ पर आकाशवाणी ना हो ऐसा तो हो नही सकता


विविध भारती क्या है 

विविध भारती आकाशवाणी का हिस्सा है जिसे मनोरंजन के लिए बनाया गया था यह उस समय के गाने और फिल्मो की जानकारी के प्रसार के लिए इस्तेमाल होता था

Prasar bharati ki sthapana kab hui 

  • PRASAR BHARATI
  • 15 september 1959

रेडियो ब्राडकास्टिंग पहले आल इंडिया रेडियो से प्रचलित था फिर समय के साथ साथ यह आकाशवाणी के नाम से जाना जाने लगा

और आगे चलके जब फिल्मों का ज़बान था तब आकाशवाणी सिर्फ जानकारी देने तक ही सीमित था उस समय आकाशवाणी पर गाने आदि मनोरजन को प्रसारित करने की इज़ाज़त नही थी

जिसके कारण आकाशवाणी पर मनोरंजन का प्रसारण करने की योजना बनायीं गयी जिसे हम विविध भारती से सम्भोधित कर रहे है यह एक प्रोग्राम का नाम है


रेडियो की डीटीएच  सुविधाएँ 

DTH एक ऐसी सेवा है जिसके माध्यम से हमें अपने घर पर मिल जाती है यह DD फ्री डीश के माध्यम से हमें हमारे घर पर मिलती है, आज भारत की भी सॅटॅलाइट स्पेस में है

जिसके कारण आज सॅटॅलाइट की सहायता से सीधे घर पर प्रसारण देखने को मिल जाता है जिसके लिए बड़े बड़े स्टेशन की या तारों से बने सिस्टम की ज़रुरत नही होती इसे वायरलेस कम्युनिकेशन भी कहते है

रेडियो ब्राडकास्टिंग भी सीधे हमें स्टेशन से हमें हमारे घरों में डीश के माध्यम से मिल जाता है रेडियो ब्राडकास्टिंग के कुछ मुख्य चैनल है

यह अलग अलग तरीके से विभाजित है जैसे पूरे देश में चलने वाले रेडियो के चैनल या किसी राज्य में चलने वाले चैनल आदि All India Radio Ki Sthapna Kab Hui यह तो हम जान ही गये है और इसके स्थापना के साथ ही आज पूरा भारत एक अच्छे रेडियो नेटवर्क से जुडा है

 

राष्ट्रीय चैनल 

  • विवध भारती ( Vividh Bharati)
  • एयर फम रेनबो इंडिया ( AIR FM Rainbow India)
  • एयर फम गोल्ड दिल्ली ( AIR FM Gold Delhi)
  • एयर लाइव न्यूज़ 24 x 7 (AIR Live News 24 x 7 )
  • एयर उर्दू ( AIR Urdu)
  • रागम ( Raagam)
  • ज्ञान वाणी ( Gyan Vani)

 

FAQs – All India Radio Ki Sthapna Kab Hui

सवाल : आल इंडिया रेडियो की शुरुआत कब की गयी ?

  • ALL INDIA RADIO
  • 23 july 1927

यह सबसे पहले टाइम्स ऑफ़ इंडिया ने शुरू किया, और भी जगह-जगह के लोगों ने रेडियो का प्रसार करना चाहा और बहुत कंपनियों ने प्रसार किया भी पर पैसो की कमी के कारण बहुत कम लोग ही आगे बढ़ पाए

और एक समय के बाद तो इसका खर्चा किसी के बस में रहन ही नही गया

पब्लिक डिमांड पर सरकार को आगे आना पड़ा और सभी भारत की ब्राडकास्टिंग कंपनियों के गठित कंपनी इंडिया ब्राडकास्टिंग को सरकारी कंपनी बनानी पडी इसी को आगे चलके आल इंडिया रेडियो कंपनी का नाम दिया गया और आकाशवाणी और विविध भारती इसी के अन्दर आते है

सवाल : दूरदर्शन की स्थापना कब हुई ?

  • 15 September 1959 को Delhi में हुआ

सवाल: प्रसार भारती की स्थापना कब हुई ?

  • PRASAR BHARATI
  • 15 september 1959

सवाल : आकाशवाणी की स्थापना कब हुई ?

  • AKASHWANI
  • 1 april 1930

 

Conclusion

इस ब्लॉग लेख में आपने All India Radio Ki Sthapna Kab Hui के बारें में जाना। आशा करते है आप आल इंडिया रेडियो की स्थापना कब हुई की पूरी जानकारी जान चुके होंगे।

अगर आपका इससे संबन्धित किसी भी तरह का सवाल है तब नीचे कमेन्ट में पूछ सकते है जिसका जवाब जल्द से जल्द दिया जायेगा।

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