Latter Writing in Hindi – हिंदी में पत्र लेखन कैसे लिखते है

Letter Writing in Hindi – पत्र-लेखन (Patra Lekhan) दो और दो से अधिक व्यक्तियों के बीच अपनी भाव और विचार को पहुंचाने का एक रोचक कला है

जिसमें वे अपनी वह बात भी लिखकर अगले व्यक्ति तक पहुंचा पाते है जिसे वह सामने बोलने की हिम्मत नही ला पाते है।

उदाहरण के रूप में पिता और पुत्र के बीच मे हुई लेखन संवाद, जिसमें पुत्र अपनी वह बात भी लिख सकता है जो अपने पिता के सामने बोलने में हीचकीचाता है। इस तरह कहा जा सकता है कि पत्र लिखकर अपनी बातों को अगले के सामने आसानी से रखा जा सकता है।

पत्र लेखन परिभाषा के रूप में कहा जा सकता है कि “ऐसा कागज या अन्य माध्यम जिस पर कोई व्यक्ति अपनी बात किसी अधिकारी, मित्र, रिश्तेदार इत्यादि के सामने लेखन के जरिये व्यक्त करता है उसे पत्र-लेखन कहा जाता है।“

लेटर राइटिंग इन हिन्दी हमारें लिए बहुत महत्वपूर्ण है जिसकी शुरुआत आदिकाल में ही किया जा चुका था साथ ही 19वीं और 20वीं शताब्दी के दौरान चिट्ठी, खत या पत्र संचार करने का सबसे सर्वोत्तम और विश्वसनीय माध्यम था,

एक ऐसा भी वक्त हुआ करता था जब लोग अपनी बात दूसरों तक पहुंचाने में कबूतरों और संदेशवाहकों का सहारा लेते थे, किन्तु समय परिवर्तन के बाद जब से मोबाइल और इंटरनेट मानव जीवन में आया है तब से इसकी भूमिका कम हो गई है

परंतु आज भी यह जीवित है और इसका इस्तेमाल बेशक पहले से कम हो गया है अपितु आज भी लोग अपनी भाव, विचार, आदेश इत्यादि को एक व्यक्ति से अधिक संस्थाएं तक पहुंचाने के लिए इसका उपयोग कर रहें है।

छात्रों को परीक्षा में अक्सर Patra in Hindi लिखने को बोला जाता है।

आज भी हम सब को किसी सरकारी कार्यालय, विद्यालय, कॉलेज इत्यादि में कोई काम या अनुरोध होता है तब अपनी बात अधिकारी या प्रधानाअध्यापक तक पहुंचाने के लिए Latter Writing करना होता है, जिसके बाद ही हमारा आवेदन स्वीकार कर उस पर विचार किया जाता है

ऐसे में हर व्यक्ति के पास पत्र लेखन लिखने की कला का होना आवश्यक हो जाता है क्योंकि यह आपके विभिन्न शिक्षाओं में से एक है जिसके माध्यम से अपनी बात को दूसरे तक पहुंचा सकते है। बहुत सारें ऐसे विद्यार्थी या व्यक्ति विशेष होते है

जिन्हे Hindi Letter Writing – पत्र लेखन क्या है पत्र के प्रकार और प्रारूप के बारें में पता नही होता है

और वह अच्छी तरह से एक पत्र भी नही लिख पाते है। इसलिए आपकी सहयाता के लिए इस ब्लॉग पोस्ट में आपको पत्र लेखन क्या है और इसके प्रकार के बारें में जानने वालें है

साथ ही Latter Writing Format in hindi के बारें में जानने वालें है जिसे पढ़कर आप पत्र लेखन के बारें में सभी जानकारी को जान सकते है साथ ही किस विषय पर किस तरह से आवेदन लिखा जाता है। यह सभी जानने के लिए ब्लॉग को अंतिम तक पढ़ते रहें।

 

NOTE : यदि आप इस लेख को मोबाइल के मदत से पढ़ रहे है तो हो सकता है हमारे द्वारा प्रदान किया Latter Writing का format आप के मोबाइल में सही तरह से दिखाई नहीं देगा ” इसीलिए अपने मोबाइल ब्राउज़र को Desktop mode में खोलिये ताकि पत्र लेख फॉर्मेट आप को सही तरह से दिखाई दे

मोबाइल में डेस्कटॉप मोड शुरू करने के लिए ब्राउज़र में ऊपर 3 डॉट पर क्लीक करे वह एक ड्राप डाउन खुलेगा वही निचे Desktop Mode का विकल्प होगा उसपर क्लिक कर दीजिये

 


Latter Writing in Hindi
Latter Writing in Hindi (patra lekhan in hindi main)

विषय

पत्र लेखन क्या है – What is letter writing in hindi

कागज और अन्य माध्यम से भाव, विचार, समाचार, आदेशों का आदान-प्रदान करना ही पत्र लेखन कहलाता है। जो एक प्रकार का लिखित संदेश होता है जिसमें एक व्यक्ति के बात को दूसरे व्यक्ति तक एक विशेष माध्यम से पहुंचाया जाता है

प्राचीन काल में पत्र लेखन विशेष सीमा पर हुआ करता था जिसमें अपनी बात को लिखने के लिए धातु, सीसा, मिट्टी के बर्तनों के टुकड़े, जानवरों की खाल इत्यादि को उपयोग में लाया जाता था, परन्तु अब के समय में पत्र लेखन पेपर और डिजिटल तरीका से होने लगा है।

लेटर राइटिंग एक ऐसी कला है जिसके जरिये अपनी बुद्धि-विवेक और ज्ञान की परिपक्वता, विषय का ज्ञान, अभिव्यक्ति की शक्ति, भाषा की समझ और विचारों की विशालता प्रकट किया जा सकता है और अपनी बात को पत्र लिखकर किसी के सामने रखा जा सकता है।

वैसे तो पत्र लिखने का इतिहास काफी पुराना है, लेकिन आज तक इस सवाल का जवाब नही मिला है कि पत्र का इतिहास क्या है और इसकी शुरुआत कब किया गया था?

अगर कोई आपसे इस तरह का सवाल पुछे तब कह सकते है कि “जब से मानव जीवन आरंभ हुआ और हमारें पूर्वजों ने पढ़ना और लिखा सीखा तब इसे पत्र लेखन आरंभ हुआ था।“

 

पत्र लेखन की उपयोगिता अथवा महत्व Importance of letter writing in hindi

हम सभी के जीवन में आज भी पत्र लेखन का काफी योगदान रहा है और यह आगे तक रहने वाला है। इसके कई उपयोगिता और महत्व देखने को मिलते है जो अत्यंत प्रभावशाली होता है, क्योंकि इसके जरिये समूह में पत्र के जरिये अनेकों लोगो से संपर्क स्थापित करने में सुविधा रहती है : –

  • वर्तमान समय में हमें अपने दूर स्थित रिशतेदारों और व्यापार को सुचारु बनाएँ रखने के लिए और व्यापारियों को आपस में एक दूसरे के साथ संपर्क बनाए रखना होता है जिसमें पत्र लेखन कार्य महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
  • पत्र मित्रों एवं परिजनों से आत्मीय सम्बन्ध एवं सम्पर्क स्थापित करने हेतु उपयोगी होते हैं। पत्र के माध्यम से मनुष्य प्रेम, सहानुभूति, क्रोध आदि प्रकट करता हैं।
  • यह सामाजिक संबंधो को मजबूत करने का भी एक माध्यम है।
  • इसके अलावा छात्र जीवन में पत्र लेखन का विशेष महत्व है जिसमें स्कूल फीस माफ करना, छात्रवृति पाने, अवकाश लेने, प्रमाण-पत्र पाने के लिए आवेदन-पत्रों की महत्वपूर्ण भूमिका होता है।
  • प्रेम, क्रोध, जिज्ञासा, प्रार्थना, आदेश, निमंत्रण आदि अनेक भावों को व्यक्त करने के लिए पत्र लेखन का सहारा लिया जाता है।
  • पत्र के माध्यम से भेजा जाने वाला संदेश दो व्यक्तियों का निजी सूचना और संवाद होता है जिसे पढ़ने का अधिकार किसी तीसरे व्यक्ति के पास नही होता है।
  • निजी अथवा व्यापारिक सूचनाओं को प्राप्त करने तथा भेजने के लिए पत्र व्यवहार विषय कारगर है।

 

पत्र लेखन के लिए आवश्यक जानकारी

जब आप लेटर राइटिंग करना शुरू करते है तब आपको इसे लिखने के दौरान कई महत्वपूर्ण बिन्दु पर ध्यान देना होता है कि किसी पत्र को किस तरह से अच्छा तरीका से लिखा जा सकें ताकि वह एक आदर्श पत्र के भांति लिखा हुआ पढ़ा जा सकें।

ऐसे कई विशेष बिन्दु और जानकारी है जिसे समझकर किसी भी पत्र को लिखने के दौरान प्रयोग में लाने से वह प्रभावशाली रूप में दिख सकता है: –

  • भाषा – पत्र भाषा पर सुसज्जित दिखाई पड़ता है जिसमें आपको अधिक से अधिक सुगम, नर्म और शिष्ट शब्द का इस्तेमाल कर अपनी भाव को इस तरह प्रकार करना चाहिए कि अगले व्यक्ति को वह आवेदन पढ़कर आपकी बातों को महसूस कर सकें।
  • संछिप्त – पत्र लेखन के वक्त ध्यान रखें कि कम शब्द में अपनी अधिक से अधिक बात उसमें कैसे लिख सकते है क्योंकि कोई भी व्यक्ति वर्तमान युग में अपना समय बचाना चाहता है और संछिप्त में किसी विषय पर परिचित होना पसंद करता है।
  • स्वच्छता – आपका पत्र जितने साफ कागज पर होगा और उसमें एक भी कट और गलत शब्द का प्रयोग नही होगा, वह उतना ही सुंदर दिखाई देगा। हमेशा स्वच्छता से लिखा पत्र लोग अधिक भाव से पढ़ना पसंद करते है।
  • उद्देश्यपूर्ण – आप जिस उदेश्य से पत्र लिख रहें है सिर्फ उसी उदेश्य को उस पत्र में शामिल करें। अगले पाठक को आपका आवेदन के उदेश्य पर ध्यान केन्द्रित करने के लिए पत्र का उद्देश्यपूर्ण होना अतिआवश्यक है।
  • प्रेषक का पता और तिथि – जिस कागज पर पत्र लिखा जाना है उसके दाहिने ओर आवेदन-पत्र प्राप्त करने वाला प्रेषक का पता और पत्र लेखन का तिथि का उल्लेख करना चाहिए।
  • मूल सम्बोधन – पत्र के शुरुआती दौरान बाई ओर स्नेह-सूचक जैसे शब्द का प्रयोग करना चाहिए, जिसमें पूज्य, माननीय, श्रीमान इत्यादि शामिल है।
  • अभिवादन – रिशतेदारों और शिक्षकों को पत्र लिखने के दौरान उसमें अपना शिष्टाचार दिखाते हुये बड़ो को प्रणाम, हमउम्र को नमस्कार और छोटे को शुभाशीष, प्रसन्न रहों इत्यादि लिखना चाहिए।
  • विषय वस्तु – जिस विषय पर पत्र लिखा जाना है उसका संछिप्त वर्णन व्यवस्थित रूप से लिखना चाहिए।
  • लेखन समाप्ती – पत्र लेखन पूर्ण हों जाने के बाद अंत में सम्बोधन वालें व्यक्ति के साथ संबंध दिखाते हुये अपना हस्ताक्षर करना चाहिए साथ ही अपना पता को भी जोड़ना चाहिए।

 

पत्र लेखन कितने प्रकार के होते हैं  – Types of latter writing in hindi

लेटर राइटिंग को शुरुआती दिनों से 2 भागों में विभाजित किया गया है –

  1. औपचारिक पत्र (Formal Letter)
  2. अनौपचारिक पत्र (Informal Letter)

 

औपचारिक पत्र क्या है – Formal Letter writing in hindi

औपचारिक पत्र, जिसे व्यावसायिक पत्र या व्यावसायिक पत्र भी कहा जाता है जो एक ऐसा पत्र होता है जिसमें सख्त आदेश विशिष्ट प्रारूप शामिल रहता है। इस तरह के पत्र को अधिकारियों, कार्यालय, संस्था या फार्म के नियंत्रण के रूप में लिखा जाता है।

इस तरह के पत्र वैसे व्यक्तियों के लिए लिखा जाता है जो किसी सरकारी और निजी संस्था से ताल्लुक रखते है जो आमतौर पर अपरिचित होते है जिसमें एक व्यक्तिविशेष या पूरा संस्था के लिए औपचारिक पत्र लिखा जाता है।

साथ ही व्यक्ति या छात्र को स्कूल, कॉलेज, कार्यालय से किसी भी तरह के सहायता, अनुरोध, धन्यवाद इत्यादि  के लिए पत्र लिखा जाता है जिसमें भाषा को बहुत ही सजह और कुशलतापूर्वक इस्तेमाल करना चाहिए। इसके अंतर्गत कई और तरह के पत्रों को शामिल किया जाता है: –


  • सरकारी पत्र
  • प्रार्थन पत्र
  • सहयोग पत्र
  • निमंत्रण पत्र
  • गैर सरकारी पत्र
  • व्यावसायिक पत्र
  • समाचार पत्रों को पत्र
  • किसी अधिकारी को पत्र
  • नौकरी के लिए आवेदन हेतु

औपचारिक पत्रों को लिखने के उद्देश्य

  • इसका मुख्य उदेश्य व्यवसाय, कार्यालय इत्यादि में अधिकारियों को आदेश देना।
  • साथ ही इसके जरिये पेशेवर सेटअप में अपनी चिंताओं को व्यक्त करने के लिए।
  • अपने कार्यक्षेत्र में आधिकारिक जानकारी प्रदान करने के लिए।
  • विभिन्न समूहों के सामने आने वाली समस्याओं को संबोधित करने के लिए
  • रोजगार के लिए आवेदन करने के लिए लिए लिखा जाता है।

 

औपचारिक पत्र का प्रारूप – formal letter writing format hindi

इस तरह के फॉर्मल लेटर लिखने के लिए हमें कई बातों का ख्याल रखना होता है। हालांकि इसका फॉर्मेट सीमित होता है जिसमें व्यक्ति एक विशेष तौर पर अपना अनुरोध सरकारी और गैर सरकारी संस्थाओं को आवेदन के रूप में जमा करता है

जिसको लिखने के लिए कुछ नियम को ध्यान में रखकर ही लिखने पर वह स्पष्ट दिखाई पड़ता है जिसका विवरण हम आगे जानने वालें है: –

  • इस तरह के पत्र को लिखने की शुरुआत हमेशा बाई ओर से किया जाता है और सर्वप्रथम ‘सेवा में’ शब्द शब्द को लिखकर, यह लेटर आने वाला प्रेषक का नाम, पद और उनका संबोधन ‘श्रीमान, मान्यवर’ इत्यादि के रूप में करना चाहिए।
  • जिसके बाद पत्र पाने वालें व्यक्ति/संस्था का पता लिखने के बाद अगले लाइन में ‘विषय’ लिखकर पत्र की सम्पूर्ण बातों को संछिप्त में लिखा जाता है।
  • फिर अगले लाइन में ‘मान्यवर, श्रीमान’ जैसे शब्द को लिखकर उसके अगले पंक्ति में उस शब्द के बाद अपनी पत्राचार बातों का विस्तृत वर्णन करना चाहिए।
  • अपनी सम्बोधन वर्णन के समापन के बाद अगले पंक्ति में ‘अत:’ शब्द लगाकर अपनी अपेक्षा को लिखा जाता है।
  • जिसके बाद पत्र के अंतिम भाग में दायें तरफ ‘आपका आभारी, आपका विश्वासभाजन, आपका आज्ञाकारी’ शब्द को लिखने के बाद अपना नाम और पता के साथ पत्र का दिनांक और मोबाइल नंबर लिखे।
  • जिसके बाद अंत में पत्र लिखने वालें व्यक्ति या कार्यालय प्रमुख दाहिने साइड में अपना हस्ताक्षर या मोहर करते है। जिसका औपचारिक पत्र का प्रारूप उदाहरण नीचे देखा जा सकता है।

 

प्रार्थना, अनुरोध पत्र लिखने का तरीका -1

            सी-76, पांडव नगर,

दिल्ली – 110092

17/05/2022

सेवा में,

          श्रीमान महानिदेशक, दूरदर्शक केंद्र (नई दिल्ली)

विषय दूरदर्शन कार्यक्रमों हेतु सुझाव

महोदय,

दूरदर्शन देश के लाखों लोगो के मनोरंजन व ज्ञान का स्रोत है। दूरदर्शन द्वारा दिखाएँ जा रहें कुछ कार्यक्रमों; जैसे चित्रहार, कृषि दर्शन, रामायण आदि के दर्शकों की विशेष पसंद है परंतु धीरे-धीरे बच्चों से संबन्धित कार्यक्रमों में कमी आ रही है। यदि रविवार को को प्रातः या दोपहर के समय विज्ञान व गणित से संबन्धित शिक्षाप्रद कार्यक्रमों का समावेश करें तो निश्चित रूप से ये कार्यक्रम ज्ञानवर्धक व रुचिकर होंगे

अतः आशा है कि मेरे सुझाव आपको पसंद आएंगे आर आप उक्त समस्त बातों को ध्यान में रखकर ही कार्यक्रम प्रसारित करेंगे, धन्यवाद।

          आपका आभारी

                                                                                                          आर्यन पटेल

मुंबई, महाराष्ट्र

 

नौकरी के लिए आवेदन हेतु पत्र – 2

सेवा में,

श्रीमान स्कूल प्रबन्धक महोदय

जामुनी नगर आवासीय विद्यालय, पटना

विषय – शिक्षक पद पर नौकरी हेतु आवेदन-पत्र

मान्यवर,

समाचार पत्रों से यह सूचना प्राप्त हुआ है कि आपके विद्यालय में एक कम्प्युटर शिक्षक की आवश्यकता है और आपके द्वारा माँगे गए योगताओं को हम पूरा कर रहें है साथ ही इस नौकरी के लिए मैं आपने आप को उपस्थित करता हूँ। मैंने नालंदा विश्वविद्यालय से कम्प्युटर साइन्स में मास्टर ऑफ टेक्नालजी की परीक्षा पास किया है साथ ही कम्प्युटर के क्षेत्र में मुझे काफी रुचि है और अपनी ज्ञान को विद्यार्थियों के समक्ष फैलाना चाहता हूँ जिसमें मुझे आपको स्वीकार करना पड़ेगा। मेरी शैक्षणिक योग्यताएँ तथा परिचय कुछ इस प्रकार है –

निजी जानकारी –

  • नाम – चेतन सकारिया
  • पिता का नाम – रमन सकारिया
  • जन्मतिथि – 04/06/1996
  • पत्र व्यवहार – शेखपुरा 04, पटना 800001

शैक्षणिक योगताएं –

  • बी.टेक (कम्प्युटर साइन्स) दिल्ली विश्वविद्यालय, 2017
  • एम टेक (कम्प्युटर साइन्स) नालंदा विश्वविद्यालय, 2021

विशेष योग्यता

  • सभी वर्ग में प्रथम स्थान
  • खेल खुद में रुचि

अनुभव –

  • वर्तमान में कम्प्युटर टीचर के रूप में ऑनलाइन पढ़ाता हूँ जिसका प्रमाण-पत्र भी संगलन है।

अतः श्रीमान ने दया कर उक्त पर नियुक्त कर लिया तो विश्वास दिलाता हूँ मैं अपने श्रम और ईमानदारीपूर्वक से आपको संतुष्ट कर दूंगा और अपनी लगन और मेहनत विद्यालय के नाम कर दूंगा।

आपका विश्वासभाजन

                                                                                                          चेतन सकारिया

शेखपुरा 04,

पटना 800001

दिनांक – 17/05/2022

 

कार्यालयी-पत्र का प्रारूप- Office Letter writing format in Hindi

सेवा में,

प्रबंधक/अध्यक्ष (प्रश्नानुसार),

कार्यालय

विषय- (पत्र लिखने के कारण)।

महोदय,

पहला अनुच्छेद ………………….

दूसरा अनुच्छेद ………………….

समाप्ति (धन्यवाद/आभार)

भवदीय/भवदीया

(नाम,पता,फोन नम्बर)

 

व्यावसायिक-पत्र का प्रारूप – Format of business letter

सेवा में,

क० ख० ग० लिमिटेड

पता………….

दिनांक………….

विषय- (पत्र लिखने के कारण)।

महोदय,

पहला अनुच्छेद ………………….

दूसरा अनुच्छेद ………………….

धन्यवाद

भवदीय/भवदीया

हस्ताक्षर……

प्रबंधक…

(प्रकाशन pvt ltd)

 

Letter writing in Hindi to Principal – स्कूल विलंब से आने का आवेदन पत्र

सेवा में,

श्रीमान प्रधानाचार्य महोदय

मदर टेरेसा मिशन हायर सेकेन्डरी स्कूल,

किदवई नगर (कानपुर)

विषय – विद्यालय में विलंब से आने पर प्रधानाचार्य को क्षमा याचना हेतु पत्र।

महोदय,

संविनय निवेदन है कि मैं असमी फातिमा आपके विद्यालय की कक्षा नौ की छात्रा हूँ। प्रस्तुत पत्र के माध्यम से मैं आपको आपकी ध्यान अपनी समस्या की ओर आक्रषित करना चाहती हू। मेरी समस्या है कि मैं बहुत दिनों से विद्यालय में विलंब से आ रही हूँ। मेरी विद समस्या का मुख कारण है कि बहुत दिनों पहले से हमारें घर के पास से के पूल बन रहा है जिसकी वजह से से वहाँ से कोई गाड़ी नही निकल पा रही है और मुझे रोज पैदल विद्यालय आना पड़ता है जिसकी वजह से मुझे देर हो जाती है।

अतः मेरा आपसे विनम्र निवेदन है कि आप मुझे क्षमा करें।

आपका विश्वासी छात्रा

                                                                                 असमी फातिमा

कक्षा – 9

 

अनौपचारिक पत्र क्या है – Informal Letter writing in hindi

इस तरह के पत्रों को ऐसे पत्र से तात्पर्य होता है जिसमें व्यक्तिगत मामलों के संबंध में मित्र, भाई, परिवार सदस्य तथा अन्य प्रियजनों को लिखा जाता है। इस तरह कहा जा सकता है कि अनौपचारिक पत्र का संबंध व्यक्तिगत सम्बंध से होता है

जिसमें व्यक्ति अपने परिचित व्यक्ति को सुख-दुख, शोक, निमंत्रण, विदाई आदि के विषय में पत्र लेखन करते है इसलिए इन पत्रों को मन की भावनाओं को प्रमुखता दिया जाता है जिसके अंतर्गत पारिवारिक या निजी-पत्र आते है।

निजी पत्रों के उतने रूप हो सकते हैं जितने पत्र लिखने वाले हैं। अतः निजी पत्रों का कोई प्रतिनिधि नमूना नहीं दिया जा सकता। निजी पत्र एक प्रकार से हमारे व्यक्तित्व के दपर्ण होते हैं।

हमारा व्यक्तित्व, हमारा सामाजिक स्तर, हमारी शैक्षणिक योग्यता, भाषा पर हमारा अधिकार-ये सब बातें निजी पत्रों में झलकती हैं। निजी पत्र हम सभी लिखते ही रहते हैं। इसके अंतर्गत कई और तरह के पत्रों को शामिल किया जाता है :

  • दोस्त, रिश्तेदार, परिवार सदस्यों को आमंत्रण पत्र
  • दोस्त को सलाह पत्र
  • दोस्त से माफी पत्र
  • दोस्त को याद दिलाने वाला पत्र
  • दोस्त को बधाई पत्र
  • दोस्त को मदद के लिए अनुरोध पत्र

 

अनौपचारिक पत्रों को लिखने के उद्देश्य

  • इस तरह के latter writing in hindi का उदेश्य अपने दोस्त, रिश्तेदार और प्रियजनों को निजी संदेश भेजने के लिए
  • अपने हर्ष, दुःख, उत्साह, क्रोध, नाराज़गी, सलाह, सहानुभूति इत्यादि भावनाओं को पत्र के माध्यम से व्यक्त करना।
  • किसी भी तरह के बधाई, आमंत्रण-पत्र के लिए अनौपचारिक पत्रों को लिखा जाता है।

 

अनौपचारिक पत्र का प्रारूप – Informal Letter writing format hindi

इस तरह के पत्र लेखन के लिए फॉर्मेट असीमित होता है साथ ही इसमें शब्द की सीमा नही होने की वजह से व्यक्ति अपनी भावनाओं को एक कोरे कागज पर जितना हो सके उतना लिख सकता है लेकिन इस तरह के पत्र को लिखने के लिए आपको कई बिन्दु का ख्याल रखना होता है: –

  • इसमें भी सबसे पहले पत्र लेखन पेपर पर बयां तरफ भेजने वाले का पता और तिथि लिखा जाता है।
  • इसमें अपने से बड़े व्यक्ति को पत्र लिखने के दौरान उसमें ‘पूजनीय, आदरणीय’ लिखा जाता है तो वही अपने से छोटे के लिए ‘प्रिय, बंधुवर’ का इस्तेमाल किया जाता है।
  • इसके बाद पत्र का मुख्य भाग दो अनुच्छेदों में लिखा जाता है और इसमें अपना भाव प्रकट किया जाता है।
  • पत्र के समाप्ती के दौरान धन्यवाद लिखा जाता है और ‘तुम्हारा प्रार्थी, स्नेही’ शब्द को लिखा जाता है।
  • जिसके बाद अंतिम में अपना हस्ताक्षर करने के बाद उसके नीचे पत्र-लेखन दिनांक लिखा जाता है।

 

दोस्त, रिश्तेदार को आमंत्रण पत्र – 1

15/3, अमर निवास,

कृति नगर, नई दिल्ली

दिनांक – 17/05/2022

प्रिय बंधुवर मोहित,

सप्रेम नमस्ते।

तुम्हें यह जानकार अति प्रसन्नता होगी कि आगामी 04 सितम्बर को मैं अपना 20वां जन्मदिन मनाने जा रहा हूँ। इस अवसर पर मेरे घर में एक समारोह का आयोजन किया गया जाएगा। मैं इस समारोह में भाग लेने के लिए, तुम्हें सप्रेम आमंत्रित करता हूँ। समारोह संध्या छ: बजे आरम्भ होगा। तुम दिन में ही आ जाना, तुम्हारे आगमन से मुझे बहुत प्रसन्नता होगी। टेलीफोन से आने की पूर्व सूचना दें देना। मैं तुम्हारें संदेश की प्रतीक्षा करूंगा

तुम्हारा प्रिय मित्र

श्याम

 

माफी आवेदन पत्र – 2

सेवा में,

श्रीमान प्रबन्धक साहब

टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स, जमशेदपुर

विषय – गलती होने पर क्षमा याचना के लिए  पत्र

महोदय,

सविनय निवेदन यह है कि मैं विमल रॉय आपके कंपनी का सीनियर स्टाफ हूँ। पिछले कई दिनों से मेरे सर में तनाव होने के कारण मैं कोई भी काम ठीक से नही कर पाया जिससे की कंपनी को काफी नुकसान हुआ है और मैंने कई कोंपनी के स्टाफ को काफी अशब्द बातें भी कहीं, जिसके लिए मैं काफी शर्मिंदा हूँ।

मुझे पता है कि ऐसी गलती करने पर क्या परिणाम होता है, लेकिन अब मैं इस कंपनी के लिए पूरा दम लगा दूंगा और मेरा सपना है कि मैं इस कंपनी को विश्व का सबसे सर्वश्रेष्ठ कंपनी बनता देखूँ। इसलिए मैं इस कंपनी के साथ जुड़ा रहना चाहता हूँ और मैं अपने आपको बेहतर और सफल बनाऊँगा ऐसा मैं आपसे वादा करता हूँ। कृपया करके मेरी इस गलती को क्षमा कर दें, और मुझे सम्भलने का अवसर प्रदान करें।

      आपका विश्वासी

                                                                            विमल रॉय

सीनियर स्टाफ

 

आवेदन पत्र कैसे लिखा जाता है – Latter Writing in Hindi

वैसे तो आवेदन पत्र या फिर पत्र लेखन लिखना बहुत ही आसान होता है, लेकिन आपको बताते चलें किसी भी पत्र में लिखा गया शब्द उस पत्र की वैल्यू बताता है। आप जितने अच्छे शब्दों को मिलकर और शब्दों के संयोग से Patra को लिखेंगे वह उतना ही भाव प्रकट करने वाला प्रतित होगा

इसके अलावा हर तरह के Patra Lekhan करने के दौरान कुछ बातों का ध्यान रखना होगा जिसे ध्यान में रखकर राइटिंग करेंगे तब अगले व्यक्ति को आपका चिट्ठी पढ़ने में आनंद भी आएगा। नीचे दिया गया तालिका में देखा जा सकता है कि कौन-सा शब्द कहाँ पर लिखा जाना चाहिए।

पत्र का भाग औपचारिक पत्र अनौपचारिक पत्र
प्रेषक (पत्र भेजने वाले का नाम व पता) बाईं तरफ़,  ऊपर सबसे बाईं तरफ़,  ऊपर सबसे
दिनांक प्रेषक के पते के नीचे प्रेषक के पते के नीचे
पत्र प्राप्तकर्ता का नाम/पता, या पद, या  कार्यालय तारीख के नीचे सेवा में, पता, या पद, या  कार्यालय लिफाफे पर नाम और पता
विषय कम शब्दों में प्राप्तकर्ता के पते के बाद नहीं लिखा जाता
संबोधन महोदय, श्रीमान, आदि आदरणीय, प्रिय, आदि।
अभिवादन नही लिखा जाता है। सादर प्रणाम, चरण स्पर्श, आदि
पत्र का मुख्य भाग पहला अनुछेद… दूसरा अनुच्छेद… पहला अनुछेद… दूसरा अनुच्छेद…
मुख्य भाग की समाप्ति धन्यवाद/आभार उत्तर की प्रतीक्षा में
हस्ताक्षर से पहले शब्दकोश भवदीय/भवदीया तुम्हारा हितैषी, आपका बेटा आदि
हस्ताक्षर हस्ताक्षर हस्ताक्षर नहीं

 

औपचारिक तथा अनौपचारिक पत्रों में अंतर – Difference between formal and informal letters

पत्र लिखित या मौखिक संचार का एक रूप होता है जिसमें सूचना या संदेश शामिल रहता है। संदेशों का आदान-प्रदान करने के लिए एक व्यक्ति के द्वारा दूसरे व्यक्ति को भेजा जाता है। जैसा कि आप अवगत है पत्र औपचारिक तथा अनौपचारिक होते है

औपचारिक पत्र को व्यवसाय या व्यावसायिक को ध्यान में रखकर लिखा जाता है जिसमें सरल भाषा का प्रयोग किया जाता है जिसे पढ़ना और व्याख्या करना आसान होता है, इसके विपरीत अनौपचारिक पत्र मित्रों और रिशेदारों को व्यक्तिगत संचार के लिए लिखा जाता है

जिसमें एक भावनात्मक शब्द का उपयोग किया जाता है। इन दोनों प्रकार के पत्रों के बीच कई तरह के अंतर होता है जिसे आपको पत्र लेखन में ध्यान देना होता है: –

औपचारिक पत्र अनौपचारिक पत्र
यह औपचारिक भाषा में, आधिकारिक उद्देश्य के लिए निर्धारित प्रारूप में लिखा जाता है। किसी परिचित व्यक्ति को मित्रतापूर्ण ढंग से लिखा गया पत्र अनौपचारिक पत्र कहलाता है।
इस तरह के पत्र का लेखन व्यावसायिक संचार के लिए किया जाता है। बल्कि इस तरह के पत्र लेखन व्यक्तिगत संचार के लिए किया जाता है।
इसको लिखने का कोई एक उदेश्य होना आवश्यक है। बल्कि इसको लिखने के लिए किसी मुख्य उदेश की आवश्यकता नही है।
इसको स्पष्टता से लिखा जाता है जिससे किसी सूचना या कार्य में बाधा अथवा संशय उत्पन्न ना हो सके। जबकि इसे भावनात्मक रूप में लिखा जाता है। जिसमें मन में जो आए लिखा जाता है।
यह पत्र एक व्यक्ति या सभी के लिए होता है। लेकिन यह 2 व्यक्ति तक ही सीमित रहता है।
इसे संछिप्त में लिखा जाता है इसे बड़ा या फिर संछिप्त में लिखा जाता है।

 

अपने पिताजी को एक अनौपचारिक पत्र लिखे

परीक्षा भवन

132-68 ऋषि विहार

देहारादून – 245001

दिनांक – 17/05/2022

 

आदरणीय पिताजी,

सादर प्रणाम।

आशा करती हूँ कि आप सभी कुशल मंगल होंगे। मैं भी यहाँ बिलकुल ठीक हूँ। आज मुझे आपका दिया गया उपहार मिला। मुझे वह लैपटॉप बहुत पसंद आया, इस तोहफे के लिए मैं आपका आभार प्रकट करना चाहती हूँ।

मैं काफी समय से सोच रही थी कि आपको बताउ की मुझे एक लैपटॉप की जरूरत है, लेकिन मैंने उम्मीद नही की थी आपको पहले से ही मेरी इस जरूरत का आभास होगा। मैं वह लैपटॉप पाकर  बहुत खुश हूँ और आपसे वादा करती हूँ कि जैसे इस प्रकार मैंने परीक्षाओं में अच्छे अंक प्राप्त करें और प्रथम रैंक हासिल की। ऐसे ही आगे भी कड़ी मेहनत करूंगी और प्रथम आऊँगी।

घर पर सभी लोगों को मेरा प्रणाम एवं प्यार दीजिएगा और इस उपहार के लिए आपका दिल से एक बार फिर धन्यवाद।

आपकी प्रिय बेटी

सोनल तिवारी


FAQ’s – Latter Writing in hindi

Q. पत्र लेखन में सबसे अधिक महत्व किसका होता है

पत्र लेखन में सबसे अधिक महत्व तथ्यों और विषयों का होता है। जिस प्रकार के विषय होते है पत्र का प्रकार भी उसी क्रम में बदलते चला जाता है। इसके जरिये अपनी व्यवहार को सटीक रूप से साझा करने की स्वतंत्र होती है इसलिए पत्रों में तथ्यों का महत्व सबसे अधिक होता है।

Q. कार्यालय पत्र की विशेषताएं

किसी भी प्रकार के कार्यालय में किया गया कार्य से संबन्धित विविध प्रकार के पत्राचार को कार्यालयी पत्राचार कहा जाता है जिसमे सुस्पष्टता, एकात्मकता या एकान्विति, सहजता, यथार्थता, संक्षिप्तता, स्वतः पूर्णता, शालीनता, प्रभावात्मकता और मौलिकता का गुण विशेषताएँ शामिल रहती है।

Q. अच्छे पत्र की विशेषताएं

जिस पत्र में सहज और स्वाभाविक शैली, विराम चिह्नों पर विशेष ध्यान, उद्देश्यपूर्ण, सद्भावना, विचारों की सुस्पष्ठता, संक्षेप और सम्पूर्णता, सरल भाषाशैली, प्रभावोत्पादकता और क्रमबद्धता का गुण शामिल रहता है तब उसे अच्छे पत्र कहा जा सकता है।

Q. पत्र लेखन की परिभाषा

लिखित रूप में अपने मन के भीतर छुपे भाव और विचार को प्रकट करने के माध्यम को पत्र लेखन कहा जाता है। या फिर ऐसा कागज जिस पर कोई बात लिखी या छपी हुई हो और उसे दूसरे व्यक्ति तक आदान-प्रदान की क्रिया को पत्र लेखन की परिभाषा कहते है।

Q. व्यावसायिक पत्र की विशेषताएं लिखिए

व्यावसायिक पत्रों में स्पष्टता, सरलता, संक्षिप्तता, सम्पूर्णता, त्रुटिहीनता, नम्रता और क्रमबद्धता का विशेषताएं शामिल रहना चाहिए। जिसके कई भाग जैसे – शीर्षक, पत्रांक/पत्र संख्या एवं दिनांक, सन्दर्भ संख्या, अन्दर लिखा जाने वाला पता, विषय, सम्बोधन और पत्र का मुख्य भाग शामिल है।

Q. औपचारिक पत्र लिखते समय सबसे पहले क्या लिखा जाता है

इसमें सबसे पहले प्रेषक का पता, दिनांक, सम्बोधन, पूज्य, पूजनीय, स्न्हेदिल, आदरणीय, अभिवादन, विषय वस्तु, स्वनिर्देश, अभिनिवेदन और हस्ताक्षर लिखा जाता है।

 

Conclusion

इस ब्लॉग लेख में आपने Patra Lekhan in Hindi – पत्र लेखन – Letter Writing in Hindi के बारें में जाना। आशा करते है आप Latter Writing in hindi – पत्र लेखन | Format | प्रकार | उदाहरण। की पूरी जानकारी जान चुके होंगे।

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