Hardware and software in Hindi : एक कंप्यूटर हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर से ही मिलके बनता है, बिना सॉफ्टवेयर के कंप्यूटर को कंप्यूटर नही कहेंगे वैसे ही बिना हार्डवेयर के कंप्यूटर का कोई वजूद ही नही है
कंप्यूटर के सबसे मुख्य पार्ट हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर है यह बहुत प्रकार के होते है पर मुख्य रूप से हम ऐसा कह सकते है की सॉफ्टवेयर एक कंप्यूटर की आत्मा है और हार्डवेयर उसका शरीर है
हार्डवेयर को छूआ जा सकता है पर सॉफ्टवेयर को छूना मुमकिन नही है, हार्डवेयर के ख़राब होने के बाद हमें इसे बदलना ही पड़ता है पर सॉफ्टवेयर दोबारा इनस्टॉल (Install) किया जा सकता है और इससे किसी प्रकार का नुकसान भी नही होता है
आपने जितने भी कंप्यूटर के फिजिकल पार्ट जैसे कीबोर्ड, माउस, मॉनिटर, CPU आदि के बारे में सुना होगा यह सब Hardware में आते है और जितने भी एप्लीकेशन है चाहे वो सिस्टम एप्लीकेशन हो या हम इंस्टाल कर रहे हो सब सॉफ्टवेयर में आते है
आजके इस आर्टिकल में हम हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर के बारे में सभी महत्वपूर्ण चीज़ों के बारे में जानने का प्रयास करेंगे,
हमारा मुख्य उद्देश्य रहेगा की हम इस टॉपिक से जुडी सभी जानकारी को एकत्र कर ले, Hardware and Software kya hai, हार्डवेयर कैसे काम करता है, सॉफ्टवेयर कैसे काम करता है आदि के बारे में आइए डिटेल में जानते है

Hardware and Software in Hindi
Hardware : यह कंप्यूटर का फिजिकल पार्ट होता है, जिसको छूया और महसूस किया जा सकता है इसमें सभी तरह के इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट शामिल है जैसे CPU, मदरबोर्ड, मेमोरी, ग्राफ़िक कार्ड, कीबोर्ड, माउस, मॉनिटर, हार्ड ड्राइव और सभी अन्य डिवाइस जिन्हें हम कंप्यूटर के साथ चलाते है जैसे प्रिंटर आदि
कंप्यूटर में कौन से हार्डवेयर कंपोनेंट होते है इसके बारे में हम आगे चर्चा करेंगे, मुख्य रूप से मदरबोर्ड, मॉनिटर, माउस, कीबोर्ड CPU ही इसके मुख्य प्रकार है पर मदर बोर्ड में ही बहुत से कंपोनेंट लगे रहते है
Software : यह इंस्ट्रक्शन का सेट होता है और यह प्रोग्राम होते है जिनका एक मुख्य काम होता है, इन्हें हम छू नही सकते और न ही इन्हें महसूस किया जा सकता है हम इन्हें बस देख सकते है
इनको इनस्टॉल या डिलीट और मॉडिफाई करने के लिए किसी भी इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट को बदलने की ज़रुरत नही पड़ती है, इसे हम अपने कंप्यूटर में ही इनस्टॉल,मॉडिफाई और डिलीट कर सकते है
यह बहुत प्रकार के होते है हम जिसे ऑपरेटिंग सिस्टम के रूप में जानते है असल में वह सिस्टम सॉफ्टवेयर है
इनके कारन ही हमारे सिस्टम पर कोई भी सॉफ्टवेयर काम कर पाते है यह हमारे अन्य सॉफ्टवेयर को एक एनवायरनमेंट देते है जिनके बारे में हम आगे पढेंगे
दुसरे होते है एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर यह एक पर्टिकुलर काम को करते है इन्हें अलग से सिस्टम में इंस्टाल करना पड़ता है यह बहुत प्रकार के होते है हमारा Chrome भी एक एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर होता है
सॉफ्टवेयर ही कंप्यूटर का वह भाग है जिसकी सहायता से हम हार्डवेयर का इस्तेमाल करके अपनी क्रियाएं करते है,अकेले हार्डवेयर के होने से हम कुछ नही कर सकते है एक कंप्यूटर को काम करने के लिए दोनों की आवशयकता होती है
हार्डवेयर एक शरीर जैसे काम करता है और सॉफ्टवेयर उस शरीर की आत्मा जैसे काम करती है
हार्डवेयर के प्रकार (Hardware in Hindi)
यह मुख्य रूप से सात प्रकार के होते है, हर तरह के हार्डवेयर का अलग काम होता है
इनपुट डिवाइस (Input Device)
यह वह डिवाइस है जो यूजर से डाटा लेने का काम करता है इनकी सहायता से हम अपने कंप्यूटर को इनपुट दे पाते है और उससे काम ले पाते है
यह एक तरह से हार्डवेयर से बातचीत करने का तरीका है, हम अपने कंप्यूटर को इन्ही हार्डवेयर डिवाइस की सहायता से इंस्ट्रक्शन देते है और इन्ही डिवाइस की सहायता से हम अपने डिवाइस से इंटरैक्ट करते है
इनपुट डिवाइस के प्रकार
KEYBOARD
इसमें एक ख़ास लेआउट के तहत बहुत सी की जिसे हम हिंदी में कुंजी कहते है सेट होती है, इसमें स्टैण्डर्ड रूप से इंग्लिश के अल्फाबेट, कुछ कण्ट्रोल कीस, फंक्शन कीस और नंबर और कुछ ख़ास सिंबल दिए रहते है
यह वैसे तो स्टैण्डर्ड रूप से एक ही फॉर्मेट में लगे होते है पर बस फरक इतना है की कुछ पीसी (PC) में अलग से नंबर कीस दी रहती है और कुछ कीबोर्ड में यह ऊपर ही दी रहती है और कुछ कीबोर्ड में कुछ अलग से कीस भी होती है
इनको इस्तेमाल करने के भी बहुत तरीके है, शॉर्टकट कीस की सहायता से हम बहुत से काम कर सकते है इनका इस्तेमाल बहुत ज्यादा किया जाता है और इनके बारे में हमें स्कूल में भी सिखाया जाता है
शॉर्टकट कीस : यह कीस का कॉम्बिनेशन होता है कुछ मुख्य कीस इस प्रकार है
- Ctrl + Z: Undo
- Ctrl + Y: Redo
- Ctrl + C: Copy
- Ctrl + V: Paste
- Ctrl + X: Cut
- Ctrl + F: Find
- Ctrl + A: Select all
- Alt + Tab: Switch between open windows
- Windows key + D: Show desktop
- Ctrl + Alt + Del: Open Task Manager
जब भी हम कीस भी Key को दबाते है तब एक एल्क्ट्रिकल सिग्नल रिलीज़ होता है, जिससे हमारे कंप्यूटर को पता चलता है की हम क्या कहना चाहते है आजके मॉडर्न कीबोर्ड में कुछ ख़ास कीस भी दी हुई है जैसे मल्टीमीडिया कीस आदि
MOUSE
यह एक ऐसा डिवाइस है जिसका इस्तेमाल कंप्यूटर स्क्रीन पर कर्सर को पॉइंट करने के लिए और एक तरह से स्क्रीन पर इनपुट देने और दिए गए विकल्पों आदि का चुनाव करने के लिए इस्तेमाल होता है
इसके अंदर एक मैकेनिकल सेंसर होता है जिससे इसके द्वारा हो रही गति का पता चलता है और इसी के इस्तेमाल से यह पूरे स्क्रीन को कवर करता है
WEBCAM
यह एक डिजिटल कैमरा है जो विडियो को कैप्चर करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है,
यह रियल टाइम विडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है, इसकी सहायता से हम और भी बहुत से काम कर सकते है और यह विडियो को इनपुट के रूप में लेता है
SCANNER
यह एक ऐसा डिवाइस है जो इमेज, डॉक्यूमेंट आदि को कैप्चर करता है और उसे डिजिटल डाटा के रूप में स्टोर करता है यह किसी भी जानकारी को डिजिटल डाटा में कन्वर्ट करके उसे ऑनलाइन शेयर करने में सक्षम बनाता है
इसी के माध्यम से हम अपने सभी ओरिजिनल डॉक्यूमेंट को पीडीऍफ़ (PDF) फॉर्म या जिस भी फॉर्म में हमें रखना है उस फॉर्म में करके अपने फ़ोन या कंप्यूटर में सेव कर पाते है
DIGITAL PEN
इसे स्मार्ट पेन भी कहते है यह यूजर से उनकी हैंडराइटिंग और उनकी ड्राइंग के फॉर्म में इनपुट ले सकता है, यह रियल टाइम डाटा कलेक्ट करता है
इसमें एक ख़ास तरह के सेंसर लगे होते है जिसके इस्तेमाल से हम अपने टचपेड पर इसका आसानी से इस्तेमाल कर सकते है, इसका इस्तेमाल क्रिएटिविटी के लिए किया जाता है
डिजिटल ड्राइंग के लिए इसका बहुत ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है
TOUCH SCREEN
यह ऐसा डिस्प्ले है जो यूजर को सीधे टच स्क्रीन की सहायता से कंप्यूटर से इंटरैक्ट करने की सुविधा देती है, इससे हम सीधा अपनी स्क्रीन पर टच करके इंस्ट्रक्शन और इनपुट दे सकते है
टेबलेट और फोन की स्क्रीन टच स्क्रीन के रूप में वर्क करती है, बहुत से लैपटॉप भी टच स्क्रीन वाले होते है
MICROPHONE
यह हमारे आवाज़ को इनपुट के रूप में लेता है और उसे इलेक्ट्रिकल सिग्नल में बदल के हमारे कंप्यूटर को दे देता है इससे हम अपनी आवाज़ के रूप में अपने फोन और लैपटॉप को इंस्ट्रक्शन दे सकते है
और इसके इस्तेमाल से ही हम अपनी आवाज़ को एक जगह से दुसरे जगह ट्रान्सफर कर पाते है और इसी डिवाइस की सहायता से ही बातचीत मुमकिन हो पाता है
आउटपुट डिवाइस (Output Devices)
यूजर की रिक्वेस्ट पूरी करने के बाद यह यूजर को रिजल्ट दिखाता है जिसे हम आउटपुट कहते है और जो डिवाइस हमें आउटपुट देखने में सहायता करते है उसे हम आउटपुट डिवाइस कहते है
MONITOR
यह एक स्क्रीन पर हमें कंप्यूटर द्वारा कंप्यूट किया गया आउटपुट दिखाता है, यह हमें विसुअल इनफार्मेशन (Visual Information) देता है जिसे हम देख कर समझ पाते है
यह बहुत ही अलग अलग साइज़ के आते है जिसमे LCD भी शामिल है, यह कंप्यूटर का सबसे ज़रूरी हिस्सा है इसके बिना हम जान ही नही पाएंगे हम क्या इनपुट दे रहे है और हमें क्या आउटपुट मिला है
PRINTER
यह डिजिटल कॉपी को डॉक्यूमेंट में बदलता है, इसका इस्तेमाल बहुत ज्यादा किया जाता है जो चीज़ें हमारे पास डिजिटल फॉर्म है उसे हम कॉपी की फॉर्म में निकलवा सकते है
प्रिंटर की सहायता से ही हम फोटोज प्रिंट करते है और यह बहुत प्रकार के होते है, डिजिटल कॉपी को हार्ड कॉपी में कन्वर्ट करने वाले सभी डिवाइस को प्रिंटर कहते है
इसका इस्तेमाल ऑफिस, घर स्कूल आदि जगह पर होता है
SPEAKER
यह इलेक्ट्रिकल सिग्नल को साउंड वेव में कन्वर्ट करता है, इसी की सहायता से हम दूसरो की आवाज़ फोन पर सुन पाते है इसी की सहायता से सभी विडियो Youtube पर चलते है
किसी भी तरह का आउटपुट जो हमें आवाज़ की फॉर्म में मिलता है वह इसी की सहायता से मिलता है, यह Low Frequency से लेकर High Frequency तक साउंड Produce कर सकता है
प्रसंस्करण उपकरण (Processing Devices)
यह कंप्यूटर का एक मुख्य कंपोनेंट है, जोकि डाटा को प्रोसेस करता है और डाटा को कंप्यूट करके रिजल्ट देता है, इसी डिवाइस के कारन हमारे इंस्ट्रक्शन एक्सीक्यूट होती है और यही डाटा को संभालता है, और इनफार्मेशन के फ्लो को बनाए रखता है
यह मुख्य 7 प्रकार के होते है
- सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट (Central Processing Unit (CPU))
इसे कंप्यूटर का दिमाग कहते है, यह सबसे मुख्य इंस्ट्रक्शन को संभालता है यही से हमारे पूरे कंप्यूटर को बेस प्रदान किया जाता है, यह कण्ट्रोल यूनिट, अरिथमेटिक यूनिट और लॉजिक यूनिट और रेसिस्टर से बनता है
- ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट (Graphics Processing Unit (GPU))
इसका काम ग्राफ़िक को संभालना होता है जिससे ही हमारे विसुअल अच्छे होते है और इसी की वजह से हम विडियो आदि देख पाते है, इसका मुख्य रूप से इस्तेमाल गेम में , एडिटिंग में होता है
- डिजिटल सिग्नल प्रोसेसर (Digital Signal Processor (DSP))
यह डिजिटल सिग्नल को प्रोसेस करने के काम आता है, यह सभी प्रकार के डिजिटल सिग्नल को एक फॉर्म से दुसरे फॉर्म में कन्वर्ट करने के काम आता है और यह विडियो ऑडियो फाइल को भी मैनेज करने का काम करता है
- फील्ड प्रोग्रामेबल गेट ऐरे (Field Programmable Gate Array (FPGA))
यह एक प्रोग्राम की प्रोसेसिंग यूनिट होती है जोकि किसी के ही कार्य को करने के काम आता है और यह एक समय पर एक जैसे काम करने के लिए ही प्रोग्राम किया जाता है
- Application-Specific Integrated Circuit (ASIC)
यह इंटीग्रेटेड सर्किट है यानी यह पहले से इनबिल्ट होता है और यह भी एक ही काम करता है इसका मुख्य रूप से इस्तेमाल Consumer Electronics में किया जाता है और इसका इस्तेमाल कुछ मुख्य तरह के डिवाइस में किया जाता है जोकि एक Specific Task करता है
- Switched-mode power supply (SMPS)
SMPS कंप्यूटर हार्डवेयर का एक महत्वपूर्ण पार्ट है क्यों की SMPS के जरिये हम अन्य हार्डवेयर को पावर सप्लाई प्रदान होती है | SMPS को हम पावर सप्लायर भी कहते है क्यों की उसके वजह से अन्य सभी हार्डवेयर पार्ट को पावर मिलती है जिसके बाद हमारा कंप्यूटर शुरू होता है
- Random-access memory (RAM)
सरल भाषा में कहे तो RAM एक Short-term memory होती है जहा कंप्यूटर शुरू होने के बाद टास्क को सेव करने के लिए इस्तिमाल किया जाता है, जिसके कारन प्रोसेसर को टास्क जल्दी समज़ने में मदत मिलती है
जिसके कारन हमारे कंप्यूटर की स्पीड भी तेज़ होती है | Ram को short-term memory इसीलिए कहते है की यह मेमोरी कंप्यूटर जबतक शुरू है तबतक डाटा सेव कर की रखती है कंप्यूटर बंद होने के बाद इसमें कोई डाटा नहीं रहता है, कंप्यूटर का डाटा सेव करने का हार्ड डिस्क का होता है
Storage Device
यह डाटा को संभालने और उसे सुरक्षिक करने का काम करता है, हमारे लैपटॉप और कंप्यूटर में यह हार्ड ड्राइव के रूप में इस्तेमाल किया जाता है
इसका मुख्य काम हमारे डाटा (Documents, Photos, Videos, Music, and Software Applications) को स्टोरेज करना होता है
HARD DRIVE
यह एक प्रकार का स्टोरेज डिवाइस है यह डाटा को स्टोर करता है अब सोचने वाली बात यह है की यह कैसा कॉम्पोनेन्ट है और यह काम कैसे करता है
यह एक Non-Volatile स्टोरेज है यानी यह एक निर्धारित स्पेस है जिसे एक बार मैन्युफैक्चरिंग के बाद बदला नही जा सकता है
और इसका मतलब यह भी है की यदि काम करते समय पॉवर ऑफ हो गया और आपका पीसी (PC) बंद हो गया तो भी यह आपके द्वारा किये काम को सुरक्षित कर लेगा
यह बहुत से प्रकार में और साइज़ में आते है, इनका इस्तेमाल सर्वर में भी किया जाता है, आसान भाषा में जहाँ भी हमें डाटा को स्टोर करने की आवशयकता होगी वह पर यह इस्तेमाल होगा
हार्ड ड्राइव में एक मैग्नेटिक मटेरियल होता है और हमारा डाटा मैग्नेटिक फील्ड के रूप में SAVE होता है, इसकी स्पीड और यह कितना अच्छे से काम अकर्ता है यह प्लात्टर के घूमने की स्पीड पर निर्भर करता है
हार्ड ड्राइव के प्रकार – Hard Disk ke Prakar
- हार्ड डिस्क ड्राइव Hard Disk Drive (HDD)
यह मैग्नेटिक स्टोरेज पर काम करता है, और यह सभी प्रकार के डिवाइस में इस्तेमाल किया जाता है जहाँ भी स्टोरेज की आवशयकता होती है
यह साइज़ में थोडा बड़ा होता है और यह ज्यादा तेज़ स्पीड नही प्रदान कर पाटा है इसका फायदा यह है की यह बहुत सारी स्टोरेज देता है
- सॉलिड स्टेट ड्राइव Solid State Drive (SSD)
यह एक नॉन वोलेटाइल स्टोरेज है अर्थात यह पॉवर ऑफ होने के बाद भी सभी की गई क्रियाएं सुरक्षित कर लेता है, यह फ़्लैश मेमोरी का इस्तेमाल करता है और इसकी सहायता से ही यह सभी डाटा सुरक्षित करता है
यह बहुत ही तेज़ी से काम करता है, और यह बहुत ही Flexible और Reliable है, इसका आकार भी छोटा होता है, यह बहुत ज़ल्दी Respond देता है जिसके कारन इसका इस्तेमाल आजके समय में बहुत ज्यादा किया जाता है
Networking Device
यह हमारे कंप्यूटर को नेटवर्क की सुविधा प्रदान करता है और नेटवर्क से एक कंप्यूटर को जोड़ने का काम करता है, इस डिवाइस की सहायता से सारे कंप्यूटर एक दुसरे से कम्यूनिकेट कर पाते है और डाटा को आपस में आदान प्रदान कर पाते है
ROUTER
एक राऊटर बहुत सारे कंप्यूटर को आपस में कनेक्ट करने के काम आता है और यह फिर इन कंप्यूटर के बीच डाटा पैकेट के रूप में एक कंप्यूटर से दुसरे कंप्यूटर में ट्रान्सफर किया जाता है
यह हमें नेटवर्क की कनेक्टिविटी, फ़ायरवॉल की सुरक्षा प्रदान करता है
MODEM
यह कंप्यूटर और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस को इन्टरनेट से जोड़ता है और यह कंप्यूटर से निकलने वाले डिजिटल सिग्नल को एनालॉग सिग्नल में बदल कर Transmission की प्रक्रिया करता है
इसका मतलब होता है Modulation – Demodulation
इसमें पहले सिग्नल को ट्रांसमिट करने के लिए उसे Modulate किया जाता है और फिर ट्रांसमिट सिंग्नल को वापस से नार्मल सिग्नल में बदलने के लिए Demodulate किया जाता है
मदरबोर्ड क्या है – Motherboard in Hindi
हमने इसको किसी प्रकार में इसलिए नही रखा क्योंकि यह ऐसा बोर्ड है जिसपे चालू कंप्यूटर के हर प्रकार के कंपोनेंट जुड़ते है, यह CPU, मेमोरी, सभी इंटरनल कार्ड आदि को जोड़ता है
यदि इसको कंप्यूटर से निकाल दिया जाए तो आपका कंप्यूटर बस एक डब्बा ही रह जाएगा, यह सबसे मुख्य सर्किट है जिसपे पूरे कंप्यूटर की क्रियाएं होती है
Motherboard पर आप का अलग अलग प्रकार के IC, mosfet, capacitor, Chip, register, Coil और Connection दिखाई देंगे जो आप के सभी हार्डवेयर को एकत्रित करने का काम करती है,
हम ने Motherboard कैसे रिपेयर करे इस लेख में Motherboard के बारे में अधिक जानकारी साझा की है आप को उसे एक बार पढ़ना चाहिए
Hardware and software in Hindi के इस आर्टिकल में आप यह समझ सकते है की यह कंप्यूटर का सबसे मुख्य कॉम्पोनेन्ट है जिसके कारन ही हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर एक दुसरे से जुड़े हुए होते है
सॉफ्टवेयर के प्रकार (Software in Hindi)
सिस्टम सॉफ्टवेयर (System Software)
सिस्टम सॉफ्टवेयर एक ऐसे प्रकार के सॉफ्टवेयर होते है जिन्हे Programing language के मदत से हार्डवेयर के अनुसार बनाया जाता है ताकि इनकी सहायता से कंप्यूटर के हार्डवेयर को इस्तेमाल किया जा सके
यह कंप्यूटर के हार्डवेयर की क्रियाओं को कण्ट्रोल करने के काम आते है यह सीधा हमारे हार्डवेयर से जुड़े होते है,
जिस तरह हार्डवेयर के बिना सॉफ्टवेयर का कोई फायदा नहीं उसी तरह सॉफ्टवेयर के बिना हार्डवेयर जोई फायदा नहीं है याने सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर के मिलन से कोई भी स्मार्ट डिवाइस बनता है जैसे की – कंप्यूटर, मोबाइल, स्मार्ट टीवी. इत्यादि
सिस्टम सॉफ्टवेयर में मुख्य रूप से ऑपरेटिंग सिस्टम, ड्राइवर और अन्य सिस्टम उपयोगी उपकरण शामिल होते हैं।
सिस्टम सॉफ्टवेयर के नाम इस प्रकार है
- Microsoft Windows
- macOS
- Linux
- Android
- BIOS
- Device drivers
- Security software
- Programming tools
- Virtual machines
- iOS
Application Software
यह एक स्पेसिफिक काम को करने के लिए बनाई गई एप्लीकेशन है जिसे हम एप भी कहते है यह हमारे सिस्टम सॉफ्टवेयर पर काम करती है और इनकी सहायता से हम अलग अलग काम को कर सकते है
हर एक टास्क के लिए आपको अलग एप मिल जाएगी जिसे आप उन एप की ऑफिसियल साईट या माइक्रोसॉफ्ट स्टोर से डाउनलोड कर सकते है
एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर के नाम
- Microsoft Office
- bing
- Mozilla Firefox
- Adobe Creative Suite
- Google Chrome
- Audacity
- VLC Media Player
- Skype
- CCleaner
- WinZip
Utility Software in Hindi
यह वह सॉफ्टवेयर है जो किसी एक काम को करते है इनके अंदर नीचे दिय गए सॉफ्टवेयर आते है
1) Programming Software
इनको प्रोग्राम लिखने के लिए बनाया जाता है यह बहुत सारे सुविधाएं प्रदान करती है जैसे अपने कोड को लिखना, एडिट करना और डिबग करना
इनकी सहायता से हम कोड को लिख सकते है, पूरा कोड लिखने के बाद हम उनको डिबग कर सकते है और उसके बाद आपका कोड Compile हो जायेगा
प्रोग्रामिंग सॉफ्टवेयर के नाम
- Notepad++
- Sublime Text
- Xcode
- IntelliJ IDEA
- PyCharm
- Visual Studio
- Eclipse
- Atom
- Xcode
- Vim
2) Database Software
यह यूजर को डाटा को क्रिएट करने और उसको मैनेज करने के लिए टूल प्रदान करते है
3) Games and Entertainment Software
इसमें गेम्स के सॉफ्टवेयर शामिल होते है और साथ में एंटरटेनमेंट के सॉफ्टवेयर भी शामिल होते है
4) Educational Software
इसे इंस्ट्रक्शन सॉफ्टवेयर के नाम से भी जाना जाता है, इसमें सीखने और सिखाने के लिए सही प्लेटफार्म और बहुत सी सुविधाएं दी रहती है
5) Communication Software
इसमें वह सभी सॉफ्टवेयर शामिल है जिनकी सहायता से हम कम्युनिकेशन कर सकते है
6) Security Software
इसमें वह सभी सॉफ्टवेयर शामिल है जो हमारे कंप्यूटर को सिक्यूरिटी प्रदान करते है जैसे की एंटीवायरस सॉफ्टवेयर, फ़ायरवॉल सॉफ्टवेयर आदि
FAQs : Hardware and Software in Hindi
Q1 : कंप्यूटर प्रोग्राम का दूसरा नाम क्या है?
सॉफ्टवेयर
Q2 : कंप्यूटर का फुल फॉर्म क्या है?
Common Operating Machine Particularly Used for Technical and Educational Research
Q3 : सॉफ्टवेयर को हिंदी में क्या कहते हैं?
लघु यंत्र
Q4 : कंप्यूटर के पिता का क्या नाम है?
चार्ल्स बैबेज (Charles Babbage)
Q5 : मदरबोर्ड का जनक कौन है?
रॉबर्ट नॉय्स (Robert Noyce) और गॉर्डन मूर (Gordon Moore)
Q6 : हार्डवेयर के प्रकार?
External Hardware & Internal Hardware
Q.7 सॉफ्टवेयर के कितने प्रकार होते है
सिस्टम सॉफ्टवेयर, एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर,एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर,गेमिंग सॉफ्टवेयर, डेवलपर सॉफ्टवेयर, डिमांडिंग सॉफ्टवेयर .इत्यादि