Neutron ki khoj kisne ki – न्यूट्रॉन की खोज किसने की थी ?

Neutron ki khoj kisne ki1808 में जॉन डाल्टन ने रासायनिक दर्शन की नई प्रणाली प्रकाशित की जिसमें उन्होंने कुछ सिद्धांत प्रस्तावित किए उनके अनुसार पदार्थ में अविभाज्य परमाणु होते हैं, तथा किसी दिए गए तत्वों के सभी परमाणुओं में समान द्रव्यमान सहित समान गुण होते हैं, विभिन्न तत्वों के परमाणु द्रव्यमान में भिन्न होते हैं

उन्होंने कहा जब विभिन्न तत्वों के परमाणु एक निश्चित अनुपात में सहयोग करते हैं तो वे योगिक बनते हैं उनके अनुसार रासायनिक प्रतिक्रिया में केवल परमाणुओं का पुनर्गठन शामिल होता है, रासायनिक अभिक्रिया में परमाणु ना तो बनते हैं और ना ही नष्ट होते हैं

डाल्टन का परमाणु सिद्धांत रासायनिक संयोजन के नियम की व्याख्या कर सकता है

डाल्टन का यह सिद्धांत अधिक समय तक टिक नहीं पाया कुछ अन्य महत्वपूर्ण अनुसंधान कार्यकर्ताओं जैसे कि जे जे थोमसन, रदरफोर्ड, नील्स बोहर, वेक्टर, चैडविक, मोसले आदि के प्रयोगों से यह साबित हुआ कि परमाणु छोटे कणों से बना होता है,

जिसे उप-परमाणु कण जैसे इलेक्ट्रॉन, प्रोटॉन, न्यूट्रॉन, पॉज़िट्रॉन, न्यूट्रिनो, मेसन आदि कहा जाता है हालाँकि, पहले तीन को मौलिक कण माना जाता है

बाद में ये माइक्रोपार्टिकल्स एक्सचेंज मैकेनिज्म के दौरान केवल एक संक्षिप्त उदाहरण के लिए दिखाई दिया इस प्रकार, ये मौलिक कण नहीं हैं

आज हम इन्हीं उपपरमाणु कण इलेक्ट्रॉन, प्रोटॉन और न्यूट्रॉन में से न्यूट्रॉन के बारे में  पढ़ेंगे तो आज का हमारा सवाल यह है कि Electron proton neutron ki khoj kisne ki आगे हम न्यूट्रॉन के बारे में विस्तार से पढ़ेंगे

 

Neutron ki khoj kisne ki
Neutron ki khoj kisne ki thi in Hindi 

 

विषय

Neutron ki khoj kisne ki – न्यूट्रॉन की खोज किसने की थी 

सन 1920 में अपने प्रयोगों के आधार पर रदरफोर्ड ने भी परमाणु के नाभिक में एक ऐसे कण की उपस्थिति की संभावना बताई थी

जिसका द्रव्यमान लगभग प्रोटॉन के द्रव्यमान के बराबर हो तथा वे विद्युत आवेश रहित उदासीन कण हो अंतः न्यूट्रॉन को भौतिक वैज्ञानिक जेम्स चैडविक ने 1932 में खोजा, इन्होंने न्यूट्रॉन को एक-कणों द्वारा बेरिलियम की एक पतली शीट पर बमबारी करके पहचाना

 

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सकारात्मक नाभिक का आवेश प्रोटॉन नामक धनावेशित कणों के कारण होता है लेकिन नाभिक का द्रव्यमान केवल प्रोटॉन के कारण नहीं होता है एक अन्य उप-परमाणु कण है जिसे न्यूट्रॉन कहा जाता है, न्यूट्रॉन एक आवेश रहित मूलभूत कण है

जो परमाणु के नाभिक में प्रोटॉन के साथ पाये जाते हैं न्यूट्रॉन परमाणु के नाभिक में तो स्थाई रूप से पाया जाता है लेकिन स्वच्छ रूप से अपने आप में  यह स्थाई नहीं है जब न्यूट्रॉन नाभिक में उपस्थित ना होकर खुले में उपस्थित होता है तब इसका रेडियोएक्टिव छय होना शुरू हो जाता है

न्यूट्रॉन रेडियो एक्टिव छय के परिणामस्वरुप एक प्रोटॉन, एक इलेक्ट्रॉन और एक एंटीन्यूट्रिनो में टूट जाता है

न्यूट्रॉन की रेडियो एक्टिव छय की अर्ध आयु 614 सेकंड होती है इसे n से दर्शाया जाता है न्यूट्रॉन एक उपपरमाण्विक कण है जो की सभी प्रकार के पदार्थों के परमाणु के नाभिक में पाया जाता है प्रोटॉन और न्यूट्रॉन मिलकर परमाणु के नाभिक का निर्माण करते हैं

 

न्यूट्रॉन का इतिहास – Neutron ka Itihaas

परमाणुओं के अस्तित्व का प्रस्ताव भारतीय और यूनानी दार्शनिकों द्वारा बहुत पहले से ही 400 ई.पू. में दिया गया था  उनका विचार था कि परमाणु द्रव्यमान संरचनात्मक भाग होते हैं

उनके अनुसार पदार्थ के लगातार विभाजन से अंततः परमाणु प्राप्त होते हैं जिसे और विभाजित नहीं किया जा सकता था

परमाणु (atom) शब्द ग्रीक भाषा से उत्पन्न हुआ जिसमें एटॉमिक का अर्थ है ना काटे जाने वाला (uncutable) या अविभाज्य (non-divisible) होता है पहले यह विचार केवल कल्पना पर आधारित थे !

और इनका प्रायोगिक परीक्षण कर पाना संभव नहीं था बहुत समय तक यह विचार किसी भी प्रमाण के बिना ऐसे ही चलते रहे परंतु 18वीं

शताब्दी में वैज्ञानिकों ने इन पर फिर से बल देना शुरू कर दिया सन 1008 में जॉन डाल्टन नामक एक ब्रिटिश स्कूल अध्यापक ने पहली बार वैज्ञानिक आधार पर द्रव्य का परमाणु सिद्धांत प्रस्तुत किया

उनका सिद्धांत जिसे डाल्टन का परमाणु सिद्धांत कहा जाता है उन्होंने परमाणु को पदार्थ का मूल कण माना डाल्टन के परमाणु सिद्धांत से द्रव्यमान के संरक्षण के नियम, फिर संगठन के नियम तथा गुणित अनुपात के नियम की सफलतापूर्वक व्याख्या की जा सकती थी

लेकिन यह प्रयोग कई परिणामों को वर्णित करने में विफल रहा  19वीं शताब्दी के अंत तथा बीसवीं शताब्दी के आरंभ में वैज्ञानिको द्वारा किए गए प्रयोगों से साबित हुआ कि परमाणु छोटे कणों से यानी इलेक्ट्रॉन प्रोटॉन तथा न्यूट्रॉन से बने होते हैं

यह धारणा डाल्टन की धारणा से बिल्कुल अलग थी तो इस प्रकार हमारे सवाल neutron ki khoj kisne ki का जवाब है-जेम्स चैडविक जो की एक ब्रिटिश भौतिक वैज्ञानिक थे

 

न्यूट्रॉन की परिभाषा – Neutron ki Paribhasha

न्यूट्रॉन एक उपपरमाण्विक कण है जो कि सभी प्रकार के पदार्थों के परमाणु के नाभिक में पाया जाता है प्रोटॉन और न्यूट्रॉन मिलकर परमाणु के नाभिक का निर्माण करते हैं न्यूट्रॉन पूर्ण रूप से एक मूलभूत कण नहीं है

बल्कि यह और भी छोटे अस्थाई सूक्ष्म कणों से मिलकर बना होता है जिसे क्वॉर्क कहते हैं न्यूट्रॉन तीन क्वॉर्क से मिलकर बना होता है जिनमें दो डाउन क्वॉर्क और एक अप क्वॉर्क होता है, न्यूट्रॉन को n चिन्ह द्वारा दर्शाया जाता है

 

न्यूट्रॉन की खोज और उससे संबंधित प्रयोग- Neutron ki khoj or usse related experiments

वैज्ञानिकों को पहले सिर्फ इतना पता था कि परमाणु के नाभिक में एक प्रोटॉन होता है और एक इलेक्ट्रॉन होता है जो इसके चारों ओर चक्कर लगाता है

जैसे की हमे पता ही है की इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान ना के बराबर होता है,इसलिए न्यूट्रॉन की खोज होने से पहले वैज्ञानिकों का मानना था कि किसी परमाणु का भार उसमें उपस्थित प्रोटॉन के भार के बराबर होना चाहिए

लेकिन जब हाइड्रोजन और हीलियम के द्रव्यमान की गणना की गई तब पता चला कि हीलियम का द्रव्यमान हाइड्रोजन के द्रव्यमान का दोगुना होना चाहिए परंतु असल में जब उन्होंने देखा तो हीलियम परमाणु का द्रव्यमान हाइड्रोजन परमाणु के द्रव्यमान की तुलना में 4 गुना अधिक था

इस प्रयोग से वैज्ञानिकों को ये समझ आया की परमाणु के नाभिक में एक से अधिक कण मौजूद हैं इसलिए द्रव्यमान की संख्या 2 गुना होने के स्थान पर उससे अधिक हो रही है

इस समस्या का समाधान सबसे पहले 1932 में ब्रिटिश भौतिक वैज्ञानिक जेम्स चैडविक ने किया, इस प्रकार प्रोटॉन की खोज हुई।

 

जेम्स चैडविक ने न्यूट्रॉन की खोज के लिए प्रयोग किस प्रकार किए

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  • सबसे पहले जेम्स चैडविक ने एक बैरिलियम शीट ली फिर उस पर पोलोनियम की मदद से अल्फा किरणों को फायर किया,जिससे एक अपरिवर्तित विकिरण (penetrating radiation) हुआ
  • उसके बाद इस रेडिएशन को पैराफिन मोम पर डाला गया
  • पैराफिन मोम से निकाले गए प्रोटॉन को आयनीकरण कक्ष (Ionization Chamber) की सहायता से देखा गया
  • उसके बाद जेम्स चैडविक ने प्रोटॉन की सीमा को मापा और कई गैसों के परमाणुओं के बीच इंटरेक्शन का अध्ययन किया
  • इस अध्ययन से यह निष्कर्ष निकला कि असामान्य रूप से मर्मज्ञ विकिरण (penetrating radiation) में एक प्रोटॉन के समान द्रव्यमान के कई अनावेशित कण शामिल थे, इन्ही कणों को बाद में न्यूट्रॉन कहा गया

 

न्यूट्रॉन का द्रव्यमान – Neutron ka mass

न्यूट्रॉन का द्रव्यमान 1.67 x 10-27 किग्रा जो की इलेक्ट्रॉन के द्रव्यमान से 1839 गुना ज्यादा है तथा लगभग प्रोटॉन के द्रव्यमान के बराबर है।

 

न्यूट्रॉन का आवेश – Neutron ka charge

न्यूट्रॉन एक आवेश रहित मूलभूत कण है, जो परमाणु के नाभिक में प्रोटॉन के साथ पाये जाते हैं न्यूट्रॉन विद्युत रूप से तटस्थ कण होते हैं अर्थात, जिनका कोई आवेश नहीं होता है

 

न्यूट्रॉन की विशेषताएं – Neutron ke characteristics

भौतिक वैज्ञानिक जेम्स चैडविक द्वारा 1932 में बेरिलियम तत्वों पर अल्फा कण की बमबारी के फलस्वरुप न्यूट्रॉन की खोज हुई, न्यूट्रॉन की प्रमुख विशेषताएं नीचे दी गई है

  • न्यूट्रॉन पर प्रोटॉन और इलेक्ट्रॉन की तरह कोई भी धनात्मक अथवा ऋणात्मक आवेश नहीं होता अर्थात न्यूट्रॉन विद्युत उदासीन कण होता है
  • न्यूट्रॉन का सापेक्ष द्रव्यमान 1.0086 (Amu) एटॉमिक मास यूनिट होता है
  • न्यूट्रॉन का वास्तविक द्रव्यमान 1.67493×10-27 किलोग्राम  होता है जो कि इलेक्ट्रॉन के द्रव्यमान से लगभग 1839 गुना अधिक है तथा प्रोटॉन के द्रव्यमान के लगभग समान है
  • एक न्यूट्रॉन से कभी भी एक नाभिक नहीं बनाया जा सकता एक नाभिक बनाने के लिए हमारे पास कम से कम एक प्रोटॉन भी होना चाहिए

 

न्यूट्रॉन का उपयोग – Neutron ka use

न्यूट्रॉन के मुख्य उपयोग निम्न दिए गए हैं

  • न्यूट्रॉन का उपयोग करके आजकल न्यूट्रॉन बम भी बनाए जा रहे हैं
  • न्यूट्रॉन को आज कल हम सबसे ज्यादा अनेक प्रकार के केमिकल रिएक्शन तथा न्यूक्लियर पावर बनाने के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं
  • न्यूट्रॉन का प्रयोग करके हम कई प्रकार की न्यूट्रॉन रेडिएशन भी प्रोड्यूस कर सकते हैं जिनका उपयोग हम कई प्रकार की रिएक्शंस (Reactions) में भी कर सकते हैं
  • न्यूट्रॉन को हम न्यूट्रॉन स्कैटरिंग (Neutron Scattering) फैसिलिटी के रूप में भी उपयोग कर सकते हैं जिसका X-Ray में कई प्रकार की रिसर्च करने में उपयोग होता है
  • न्यूट्रॉन के कण का योगदान परमाणु बम बनाने में काफी है, क्योंकि यह एक उदासीन कण होते हैं जिससे इनके द्वारा नाभिक का विखंडन करना संभव हो पाता है

 

न्यूट्रॉन के गुण – Neutron ki properties

  • न्यूट्रॉन एक आवेश हीन पार्टिकल है तथा ये किसी भी प्रकार की विद्युत चुम्बकीय आकर्षण या प्रतिकर्षण जैसी क्रियाओं में भाग नहीं लेता है
  • न्यूट्रॉन में कोई मापने योग्य इलेक्ट्रिक चार्ज नहीं है, इसलिए यह बिजली के क्षेत्रों से अप्रभावित है
  • एक न्यूट्रॉन अपने आप में स्वतंत्र रूप से स्थिर नहीं रहता,एक न्यूट्रॉन एक्टिव क्षय की वजह से प्रोटॉन, इलेक्ट्रॉन और एंटीन्यूट्रिनो में टूट जाता है, इनका जीवनकाल 15 मिनट से भी कम का होता है यह क्षय इसलिए संभव है क्योंकि न्यूट्रॉन का द्रव्यमान प्रोटॉन की तुलना में थोड़ा अधिक होता है
  • किसी भी परमाणु के नाभिक के अंदर इसका अस्तित्व ज्यादा नहीं होता पर यदि इसे नाभिक के बाहर बहुत अधिक वेग से गति कराई जाए तो इससे उत्पन्न होने वाली रेडिएशन खतरनाक हो सकती है

 

न्यूट्रॉन का सूत्र – Neutron ka formula

द्रव्यमान संख्या (Z) = प्रोटॉन की संख्या (p) + न्यूट्रॉन की संख्या (n)

 

परमाणु के विषय में कुछ आवश्यक तथ्य – Atom se related kuch important facts

  • इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान नगण्य होता है और इसका आवेश शून्य से एक होता है
  • प्रोटॉन के द्रव्यमान को एक मात्रक और उसके आवेश को +1 के रूप में लिया जाता है
  • परमाणुओं को केवल स्कैनिंग टनलिंग माइक्रोस्कोप का उपयोग करके ही देखा जा सकता है
  • उत्कृष्ट गैसों के परमाणुओं को छोड़कर सभी परमाणु प्रतिक्रियाशील होते हैं
  • हीलियम (He) सबसे छोटा परमाणु है जिसकी त्रिज्या 32×10-12m है
  • सिजियम (Cs) सबसे बड़ा परमाणु है,जिसकी त्रिज्या 225×10-12m है
  • हर परमाणु में प्रोटॉन की संख्या निश्चित होती है, और प्रोटॉन की ये संख्या ही परमाणुओं को एक पहचान देती है, क्योंकि किसी परमाणु में प्रोटॉन की संख्या निश्चित नहीं होती तथा इसको कम या ज्यादा नहीं किया जा सकता
  • इलेक्ट्रॉन, प्रोटॉन,और न्यूट्रॉन के अलावा अन्य कणों को गैर मौलिक कण कहा जाता है
  • कुछ धनवेशित कण विद्युत आवेश की मूल इकाई के गुणक होते हैं

 

इलेक्ट्रॉन, प्रोटॉन और न्यूट्रॉन की तुलना – Electron, proton and neutron ka comparison

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इलेक्ट्रॉन – Electron

  • संकेत- इलेक्ट्रॉन को e से चिन्हित किया जाता है
  • आवेश- इलेक्ट्रॉन पर इकाई  नकारात्मक आवेश की होती है  (-1.602×10-19 C)
  • द्रव्यमान-इसका द्रव्यमान 9.108×10-31 कि.ग्रा.होता है

प्रोटॉन – Proton

  • संकेत- प्रोटॉन का संकेत चिन्ह p है
  • आवेश- प्रोटॉन पर इकाई धनआवेश होता है  (+1.6×10-19 ) होता है
  • द्रव्यमान- इसका द्रव्यमान 1.67×10-27 कि.ग्रा. होता है

न्यूट्रॉन-Neutron

  • संकेत- न्यूट्रॉन का संकेत चिन्ह n है
  • आवेश- न्यूट्रॉन विद्युत उदासीन होता है, इसका कोई आवेश नहीं होता
  • द्रव्यमान- इसका द्रव्यमान 1.67×10-27 कि.ग्रा.होता है

 

FAQs – Neutron ki khoj kisne ki thi in Hindi 

सवाल– न्यूट्रॉन किसे कहते हैं ?

न्यूट्रॉन एक उपपरमाण्विक कण है जो कि सभी प्रकार के पदार्थों के परमाणु के नाभिक में पाया जाता है प्रोटॉन और न्यूट्रॉन दोनो मिलकर परमाणु के नाभिक का निर्माण करते हैं

सवाल– न्यूट्रॉन ki khoj kisne ki ?

न्यूट्रॉन की खोज ब्रिटिश भौतिक वैज्ञानिक जेम्स चैडविक ने की

सवाल– न्यूट्रॉन पर कौन सा आवेश होता है ?

न्यूट्रॉन पर शून्य आवेश होता है क्योंकि ये उदासीन होते हैं

सवाल– न्यूट्रॉन की खोज कब हुई ?

न्यूट्रॉन की खोज सन 1932 में हुई

सवाल– न्यूट्रॉन का द्रव्यमान कितना होता है ?

न्यूट्रॉन का द्रव्यमान 1.67493×10-27kg होता है

 

Conclusion

तो जैसा की हमारा आज का टॉपिक था कि न्यूट्रॉन की खोज किसने की थी तो न्यूट्रॉन की खोज ब्रिटिश भौतिक वैज्ञानिक जेम्स चैडविक ने की, सबसे छोटा और हल्का धन आयन हाइड्रोजन से प्राप्त हुआ था, इसे प्रोटॉन कहते हैं इस धनावेशित कण का पृथक्करण और इसके लक्ष्य की पुष्टि सन 1919 में हुई थी

बाद में परमाणु में एक विद्युत उदासीन कण की आवश्यकता महसूस की गई इस कण की खोज 1932 में जेम्स चैडविक ने बेरिलियम पर अल्फा कणों (alpha rays) के प्रहार से की,

जब प्रोटॉन के भार से कुछ अधिक भार वाले विद्युत उदासीन कण निर्गमित हुए तो उन्होंने इन कणों को न्यूट्रॉन कहा हमे आशा है कि आपको हमारा आज का टॉपिक Neutron ki khoj kisne ki पसंद आया होगा

और आपको न्यूट्रॉन के बारे में बहुत सी नई और महत्वपूर्ण जानकारियां प्राप्त हुई होंगी इसे Share करके और लोगों तक पहुंचाएं और हमे अपने मूल्यवान सुझाव Comment box के ज़रिये दे

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